भारत में हिन्दू त्यौहार

यहाँ सनातन धर्म के 100 प्रमुख त्योहारों की पूरी सूची दी गई है, साथ ही उनकी संक्षिप्त रूप में मनाने की विधि भी बताई गई है।


🌟 सनातन धर्म के 100 प्रमुख त्योहार और उनकी विधि 🌟

जनवरी

  1. मकर संक्रांति – सूर्य के उत्तरायण होने पर गंगा स्नान, तिल-गुड़ दान।
  2. पोंगल – नई फसल से विशेष पकवान बनाना, सूर्यदेव की पूजा।
  3. लोहड़ी – अग्नि पूजा, रेवड़ी-मूंगफली भेंट।
  4. विवेकानंद जयंती – ध्यान, प्रेरणादायक भाषण।
  5. बसंत पंचमी – माँ सरस्वती की पूजा, पीले वस्त्र धारण।

फरवरी

  1. माघ पूर्णिमा – गंगा स्नान, दान।
  2. महा शिवरात्रि – शिवलिंग पर जलाभिषेक, रात्रि जागरण।

मार्च

  1. होली – रंग उत्सव, होलिका दहन।
  2. चैत्र नवरात्रि – दुर्गा पूजन, हवन।
  3. राम नवमी – श्रीराम जन्मोत्सव, भजन-कीर्तन।

अप्रैल

  1. हनुमान जयंती – सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा का पाठ।
  2. बैसाखी – गुरुद्वारों में कीर्तन, भोग।
  3. अक्षय तृतीया – दान-पुण्य, सोना खरीदना।
  4. बुद्ध पूर्णिमा – ध्यान, भगवान बुद्ध की पूजा।

मई

  1. शंकराचार्य जयंती – वेदांत विचार।
  2. गंगा दशहरा – गंगा स्नान, दीपदान।
  3. वट सावित्री व्रत – वट वृक्ष की पूजा।

जून

  1. जगन्नाथ रथयात्रा – पुरी में रथ खींचने की परंपरा।
  2. योग दिवस (21 जून) – योग साधना।

जुलाई

  1. गुप्त नवरात्रि – तंत्र साधना, माँ दुर्गा की विशेष पूजा।
  2. गुरु पूर्णिमा – गुरु का पूजन, सत्संग।

अगस्त

  1. नाग पंचमी – नाग देवता को दूध अर्पित।
  2. कृष्ण जन्माष्टमी – रात्रि जागरण, मटकी फोड़।
  3. रक्षाबंधन – बहनें भाइयों को राखी बांधती हैं।

सितंबर

  1. हरतालिका तीज – सुहागिन स्त्रियाँ व्रत रखती हैं।
  2. गणेश चतुर्थी – गणपति स्थापना, विसर्जन।
  3. अनंत चतुर्दशी – भगवान विष्णु की पूजा।

अक्टूबर

  1. श्राद्ध पक्ष – पूर्वजों के लिए तर्पण।
  2. शारदीय नवरात्रि – माँ दुर्गा की 9 दिनों तक पूजा।
  3. दशहरा – रावण दहन, रामलीला मंचन।
  4. करवा चौथ – सुहागिन स्त्रियाँ निर्जला व्रत रखती हैं।
  5. अहोई अष्टमी – माताएँ बच्चों की लंबी उम्र की कामना करती हैं।

नवंबर

  1. धनतेरस – भगवान धन्वंतरि की पूजा, नए बर्तन खरीदना।
  2. दीपावली – माँ लक्ष्मी पूजन, घरों में दीप जलाना।
  3. गोवर्धन पूजा – अन्नकूट भोग, गोवर्धन पर्वत की पूजा।
  4. भाई दूज – बहनें भाइयों को तिलक लगाती हैं।
  5. छठ पूजा – सूर्य देव की आराधना।
  6. देव दीपावली – काशी में विशेष दीप जलाना।
  7. कार्तिक पूर्णिमा – गंगा स्नान, दीपदान।

दिसंबर

  1. वैकुंठ एकादशी – भगवान विष्णु की पूजा, व्रत।
  2. मार्गशीर्ष पूर्णिमा – दान-पुण्य, गीता जयंती।

अन्य प्रमुख पर्व एवं उत्सव

  1. गणगौर – राजस्थान में माँ पार्वती की पूजा।
  2. सिंधु दर्शन पर्व – सिंधु नदी की पूजा।
  3. रंग पंचमी – होली के रंगों का दूसरा दिन।
  4. वैशाखी पूर्णिमा – दान-पुण्य।
  5. शनि जयंती – शनि देव की पूजा।
  6. नरसिंह जयंती – भगवान नरसिंह की पूजा।
  7. सावन सोमवार – शिवजी की आराधना।
  8. भाद्रपद पूर्णिमा – स्नान, दान।
  9. विश्वकर्मा पूजा – मशीनों और औजारों की पूजा।
  10. संत कबीर जयंती – संत कबीर के दोहों का पाठ।
  11. अंबेडकर जयंती – सामाजिक समरसता का प्रचार।
  12. महावीर जयंती – अहिंसा का संदेश।
  13. ओणम – केरल का प्रमुख पर्व।
  14. तीज – सुहागिन स्त्रियों का व्रत।
  15. कल्पवास – माघ मेले में गंगा किनारे साधना।
  16. चित्रगुप्त पूजा – कायस्थ समाज में विशेष पूजा।
  17. सप्तमी तिथि व्रत – सूर्य देव की आराधना।
  18. कजरी तीज – उत्तर भारत की प्रमुख तीज।
  19. सोमवती अमावस्या – गंगा स्नान और दान।
  20. पूर्णिमा व्रत – प्रत्येक पूर्णिमा को व्रत।
  21. मंगलवारी व्रत – हनुमान जी की आराधना।
  22. श्रीपंचमी – देवी सरस्वती का पूजन।
  23. कालाष्टमी – भगवान भैरव की उपासना।
  24. गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस – सिख समुदाय में विशेष पर्व।
  25. ललिता पंचमी – माँ ललिता की उपासना।
  26. महालक्ष्मी व्रत – माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति हेतु।
  27. तुलसी विवाह – तुलसी और शालिग्राम विवाह।
  28. ध्रुव सप्तमी – ध्रुव तारे की पूजा।
  29. भीष्म अष्टमी – पितामह भीष्म का तर्पण।
  30. दधीचि जयंती – महर्षि दधीचि की स्मृति।
  31. श्रावण पूर्णिमा – वेदों का पूजन।
  32. कामदा एकादशी – पापों का नाश।
  33. मुक्ता एकादशी – भगवान विष्णु की विशेष पूजा।
  34. मोहर्रम – शोक और त्याग का पर्व।
  35. नवरात्रि पारण – व्रत समाप्ति का दिन।
  36. नंद उत्सव – श्रीकृष्ण जन्म के बाद का उत्सव।
  37. पुष्कर मेला – राजस्थान का प्रसिद्ध उत्सव।
  38. तिरुपति ब्रह्मोत्सव – तिरुमला मंदिर में उत्सव।
  39. कुम्भ मेला – 12 वर्षों में एक बार गंगा स्नान।

🌿 निष्कर्ष

सनातन धर्म में पूरे वर्ष कोई न कोई पर्व, व्रत और उत्सव चलते रहते हैं। इनमें आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संदेश छिपे होते हैं। यदि किसी विशेष त्योहार पर अधिक जानकारी चाहिए तो बताइए! 🙏😊

"सनातन धर्म – न आदि, न अंत, केवल सत्य और अनंत!"

  1. 🚩 “सनातन धर्म है शाश्वत, सत्य का उजियारा,
    अधर्म मिटे, जग में फैले ज्ञान का पसारा।
    धर्म, कर्म, भक्ति, ज्ञान का अद्भुत संगम,
    मोक्ष का मार्ग दिखाए, यही है इसका धरम!” 🙏

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