यहाँ सनातन धर्म के 100 प्रमुख त्योहारों की पूरी सूची दी गई है, साथ ही उनकी संक्षिप्त रूप में मनाने की विधि भी बताई गई है।
🌟 सनातन धर्म के 100 प्रमुख त्योहार और उनकी विधि 🌟
जनवरी
- मकर संक्रांति – सूर्य के उत्तरायण होने पर गंगा स्नान, तिल-गुड़ दान।
- पोंगल – नई फसल से विशेष पकवान बनाना, सूर्यदेव की पूजा।
- लोहड़ी – अग्नि पूजा, रेवड़ी-मूंगफली भेंट।
- विवेकानंद जयंती – ध्यान, प्रेरणादायक भाषण।
- बसंत पंचमी – माँ सरस्वती की पूजा, पीले वस्त्र धारण।
फरवरी
- माघ पूर्णिमा – गंगा स्नान, दान।
- महा शिवरात्रि – शिवलिंग पर जलाभिषेक, रात्रि जागरण।
मार्च
- होली – रंग उत्सव, होलिका दहन।
- चैत्र नवरात्रि – दुर्गा पूजन, हवन।
- राम नवमी – श्रीराम जन्मोत्सव, भजन-कीर्तन।
अप्रैल
- हनुमान जयंती – सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा का पाठ।
- बैसाखी – गुरुद्वारों में कीर्तन, भोग।
- अक्षय तृतीया – दान-पुण्य, सोना खरीदना।
- बुद्ध पूर्णिमा – ध्यान, भगवान बुद्ध की पूजा।
मई
- शंकराचार्य जयंती – वेदांत विचार।
- गंगा दशहरा – गंगा स्नान, दीपदान।
- वट सावित्री व्रत – वट वृक्ष की पूजा।
जून
- जगन्नाथ रथयात्रा – पुरी में रथ खींचने की परंपरा।
- योग दिवस (21 जून) – योग साधना।
जुलाई
- गुप्त नवरात्रि – तंत्र साधना, माँ दुर्गा की विशेष पूजा।
- गुरु पूर्णिमा – गुरु का पूजन, सत्संग।
अगस्त
- नाग पंचमी – नाग देवता को दूध अर्पित।
- कृष्ण जन्माष्टमी – रात्रि जागरण, मटकी फोड़।
- रक्षाबंधन – बहनें भाइयों को राखी बांधती हैं।
सितंबर
- हरतालिका तीज – सुहागिन स्त्रियाँ व्रत रखती हैं।
- गणेश चतुर्थी – गणपति स्थापना, विसर्जन।
- अनंत चतुर्दशी – भगवान विष्णु की पूजा।
अक्टूबर
- श्राद्ध पक्ष – पूर्वजों के लिए तर्पण।
- शारदीय नवरात्रि – माँ दुर्गा की 9 दिनों तक पूजा।
- दशहरा – रावण दहन, रामलीला मंचन।
- करवा चौथ – सुहागिन स्त्रियाँ निर्जला व्रत रखती हैं।
- अहोई अष्टमी – माताएँ बच्चों की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
नवंबर
- धनतेरस – भगवान धन्वंतरि की पूजा, नए बर्तन खरीदना।
- दीपावली – माँ लक्ष्मी पूजन, घरों में दीप जलाना।
- गोवर्धन पूजा – अन्नकूट भोग, गोवर्धन पर्वत की पूजा।
- भाई दूज – बहनें भाइयों को तिलक लगाती हैं।
- छठ पूजा – सूर्य देव की आराधना।
- देव दीपावली – काशी में विशेष दीप जलाना।
- कार्तिक पूर्णिमा – गंगा स्नान, दीपदान।
दिसंबर
- वैकुंठ एकादशी – भगवान विष्णु की पूजा, व्रत।
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा – दान-पुण्य, गीता जयंती।
अन्य प्रमुख पर्व एवं उत्सव
- गणगौर – राजस्थान में माँ पार्वती की पूजा।
- सिंधु दर्शन पर्व – सिंधु नदी की पूजा।
- रंग पंचमी – होली के रंगों का दूसरा दिन।
- वैशाखी पूर्णिमा – दान-पुण्य।
- शनि जयंती – शनि देव की पूजा।
- नरसिंह जयंती – भगवान नरसिंह की पूजा।
- सावन सोमवार – शिवजी की आराधना।
- भाद्रपद पूर्णिमा – स्नान, दान।
- विश्वकर्मा पूजा – मशीनों और औजारों की पूजा।
- संत कबीर जयंती – संत कबीर के दोहों का पाठ।
- अंबेडकर जयंती – सामाजिक समरसता का प्रचार।
- महावीर जयंती – अहिंसा का संदेश।
- ओणम – केरल का प्रमुख पर्व।
- तीज – सुहागिन स्त्रियों का व्रत।
- कल्पवास – माघ मेले में गंगा किनारे साधना।
- चित्रगुप्त पूजा – कायस्थ समाज में विशेष पूजा।
- सप्तमी तिथि व्रत – सूर्य देव की आराधना।
- कजरी तीज – उत्तर भारत की प्रमुख तीज।
- सोमवती अमावस्या – गंगा स्नान और दान।
- पूर्णिमा व्रत – प्रत्येक पूर्णिमा को व्रत।
- मंगलवारी व्रत – हनुमान जी की आराधना।
- श्रीपंचमी – देवी सरस्वती का पूजन।
- कालाष्टमी – भगवान भैरव की उपासना।
- गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस – सिख समुदाय में विशेष पर्व।
- ललिता पंचमी – माँ ललिता की उपासना।
- महालक्ष्मी व्रत – माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति हेतु।
- तुलसी विवाह – तुलसी और शालिग्राम विवाह।
- ध्रुव सप्तमी – ध्रुव तारे की पूजा।
- भीष्म अष्टमी – पितामह भीष्म का तर्पण।
- दधीचि जयंती – महर्षि दधीचि की स्मृति।
- श्रावण पूर्णिमा – वेदों का पूजन।
- कामदा एकादशी – पापों का नाश।
- मुक्ता एकादशी – भगवान विष्णु की विशेष पूजा।
- मोहर्रम – शोक और त्याग का पर्व।
- नवरात्रि पारण – व्रत समाप्ति का दिन।
- नंद उत्सव – श्रीकृष्ण जन्म के बाद का उत्सव।
- पुष्कर मेला – राजस्थान का प्रसिद्ध उत्सव।
- तिरुपति ब्रह्मोत्सव – तिरुमला मंदिर में उत्सव।
- कुम्भ मेला – 12 वर्षों में एक बार गंगा स्नान।
🌿 निष्कर्ष
सनातन धर्म में पूरे वर्ष कोई न कोई पर्व, व्रत और उत्सव चलते रहते हैं। इनमें आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संदेश छिपे होते हैं। यदि किसी विशेष त्योहार पर अधिक जानकारी चाहिए तो बताइए! 🙏😊