🔱 सनातन धर्म के प्रमुख योग गुरु 🔱
सनातन धर्म में योग का विशेष महत्व है। योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने की विधि नहीं, बल्कि आत्मा, मन और परमात्मा के मिलन का साधन है। भारत में प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक कई महान योग गुरुओं ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया।
📜 1️⃣ प्राचीन काल के प्रमुख योग गुरु 📜
🔹 वेदों और उपनिषदों के योग गुरु
वेदों और उपनिषदों में योग का उल्लेख मिलता है। कई ऋषियों ने योग को ध्यान, तप और साधना के रूप में अपनाया।
| योग गुरु | योगदान |
|---|---|
| अष्टावक्र ऋषि | अद्वैत वेदांत और ध्यान योग के प्रचारक |
| वशिष्ठ ऋषि | “योग वशिष्ठ” ग्रंथ के रचयिता |
| अत्रि ऋषि | वेदों और ध्यान योग के उपदेशक |
| कण्व ऋषि | ध्यान और प्राणायाम के प्रचारक |
| याज्ञवल्क्य ऋषि | ब्रह्मज्ञान और आत्मयोग के उपदेशक |
👉 इन ऋषियों ने ध्यान, प्राणायाम और समाधि का महत्व बताया।
🔹 महर्षि पतंजलि और अष्टांग योग
| योग गुरु | योगदान |
|---|---|
| महर्षि पतंजलि | योगसूत्र के रचयिता, अष्टांग योग के प्रवर्तक |
| गोरखनाथ | हठयोग के प्रचारक, नाथ संप्रदाय के संस्थापक |
| मच्छिंद्रनाथ | ध्यान और कुंडलिनी योग के प्रचारक |
👉 महर्षि पतंजलि ने योग को व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत किया, जिसे आज भी “अष्टांग योग” के रूप में जाना जाता है।
🔹 भक्ति काल और संत योगी
भक्ति काल में संतों ने ध्यान और योग को साधना का रूप दिया।
| योग गुरु | योगदान |
|---|---|
| संत कबीरदास | ध्यान और नामस्मरण योग के प्रचारक |
| गुरु नानक देव | ध्यान और सहज योग के प्रवर्तक |
| रामानुजाचार्य | भक्ति योग और वेदांत दर्शन |
| माधवाचार्य | भक्तियोग और ध्यान योग के उपदेशक |
| संत एकनाथ | ध्यान और भक्ति योग का समन्वय |
👉 इन संतों ने ध्यान, साधना और भक्ति के माध्यम से योग को सरल बनाया।
🕉️ 2️⃣ आधुनिक युग के प्रमुख योग गुरु 🕉️
आज भी कई महान योग गुरु योग का प्रचार कर रहे हैं और लोगों को आत्मविकास की ओर प्रेरित कर रहे हैं।
| योग गुरु | योगदान |
|---|---|
| स्वामी विवेकानंद | राजयोग और ध्यान का प्रचार, 1893 में शिकागो धर्म महासभा में योग का संदेश |
| परमहंस योगानंद | क्रिया योग के प्रचारक, “ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी” के लेखक |
| स्वामी शिवानंद | “योगा ऑफ सिंथेसिस” के प्रवर्तक |
| स्वामी सत्यानंद सरस्वती | बिहार योग विद्यालय के संस्थापक, कुंडलिनी योग के प्रचारक |
| स्वामी रामदेव | पतंजलि योगपीठ के संस्थापक, प्राणायाम और हठयोग के प्रचारक |
| श्री श्री रविशंकर | आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक, “सुदर्शन क्रिया” के प्रवर्तक |
| स्वामी सद्गुरु जग्गी वासुदेव | ईशा योग केंद्र के संस्थापक, ध्यान और कुंडलिनी योग के प्रचारक |
| स्वामी परमजीत सिंह | ध्यान और प्राणायाम योग के प्रचारक |
| बाबा हरिदास | मौन और क्रिया योग के प्रचारक |
| योगी अमृत देसाई | अमेरिका में अमृत योग प्रणाली के प्रवर्तक |
👉 इन योग गुरुओं ने पूरी दुनिया में योग का प्रचार किया और इसे आध्यात्मिक जागरण का माध्यम बनाया।
🔱 निष्कर्ष 🔱
✅ योग केवल शरीर के लिए नहीं, बल्कि आत्मा, मन और जीवन को संतुलित करने का साधन है।
✅ प्राचीन काल से लेकर आधुनिक समय तक, महान योग गुरुओं ने योग को जन-जन तक पहुँचाया।
✅ महर्षि पतंजलि, गोरखनाथ, स्वामी विवेकानंद, परमहंस योगानंद और स्वामी रामदेव जैसे महान योगाचार्यों ने योग को विश्वस्तरीय पहचान दिलाई।
✅ आज योग केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो चुका है।
🚩 “योग एक साधना है, जो जीवन को संतुलित और पूर्ण बनाती है।”
🚩 “योग से तन, मन और आत्मा का मिलन संभव है।”
हरि ओम्! 🙏🧘♂️