सनातन धर्म के 13 अखाड़े एवं उनके प्रमुख
सनातन धर्म (हिंदू धर्म) में अखाड़े साधु-संतों के शक्तिशाली संगठन हैं, जो धर्म रक्षा, आध्यात्मिक अनुशासन एवं सनातन परंपराओं के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये अखाड़े शैव, वैष्णव, उदासीन एवं नागा साधुओं के प्रमुख संघ हैं।
1. 13 प्रमुख अखाड़ों की सूची एवं उनके वर्तमान प्रमुख (2024)
क्रमांक | अखाड़ा का नाम | सम्प्रदाय | वर्तमान प्रमुख (महंत/आचार्य) | मुख्य पीठ/स्थापना |
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1. | श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी | शैव | महंत रवींद्रपुरी जी महाराज | वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
2. | श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी | शैव | महंत दिग्विजय नाथ (द्वारकापीठ) | हरिद्वार, उत्तराखंड |
3. | श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा | शैव (नागा) | महंत हरि गिरि महाराज | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश |
4. | श्री पंचायती अखाड़ा अटल | शैव | महंत सत्येंद्र दास जी महाराज | वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
5. | श्री पंचायती अखाड़ा आह्वान | शैव | महंत प्रह्लाद गिरि महाराज | उज्जैन, मध्य प्रदेश |
6. | श्री पंचायती अखाड़ा अग्नि | शैव (नागा) | महंत नरेंद्र गिरि जी | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश |
7. | श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा | उदासीन (सिख-हिंदू) | महंत नरेंद्र गिरि जी | हरिद्वार, उत्तराखंड |
8. | श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा | उदासीन | महंत वसिष्ठ गिरि महाराज | अयोध्या, उत्तर प्रदेश |
9. | श्री निर्मोही अखाड़ा | वैष्णव (रामानंदी) | महंत धर्मदास जी महाराज | अयोध्या, उत्तर प्रदेश |
10. | श्री दिगंबर अनी अखाड़ा | जैन-हिंदू | आचार्य विद्यासागर जी महाराज | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश |
11. | श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा | सिख-हिंदू | महंत सुरेंद्र कृष्ण दास जी | हरिद्वार, उत्तराखंड |
12. | श्री पंचायती अखाड़ा खाकी | शैव (नागा) | महंत लक्ष्मी नारायण दास जी | उज्जैन, मध्य प्रदेश |
13. | श्री पंचायती अखाड़ा गोरखनाथ (नाथ पंथ) | नाथ योगी | योगी आदित्यनाथ जी (महंत अवैधनाथ के उत्तराधिकारी) | गोरखपुर, उत्तर प्रदेश |
2. अखाड़ों का इतिहास एवं महत्व
- संस्थापक: इन अखाड़ों की स्थापना आदि शंकराचार्य (8वीं शताब्दी) द्वारा हिंदू धर्म की रक्षा हेतु की गई थी।
- धर्म रक्षा: मुग़ल एवं विदेशी आक्रमणों के समय इन अखाड़ों ने हिंदू धर्म, मंदिरों एवं संस्कृति की रक्षा की।
- कुंभ मेला: प्रमुख अखाड़ों को कुंभ मेले में शाही स्नान का प्रथम अधिकार प्राप्त है।
- नागा साधु: जूना, अग्नि एवं निरंजनी अखाड़े के नागा साधु शस्त्र विद्या में निपुण होते हैं।
3. अखाड़ों के प्रमुख कार्य
- धर्म प्रचार: वेद, उपनिषद एवं गीता का ज्ञान प्रसार।
- सामाजिक सेवा: आश्रम, विद्यालय एवं चिकित्सालय चलाना।
- धर्म रक्षा: हिंदू मंदिरों एवं परंपराओं की सुरक्षा।
- योग एवं साधना: तपस्या, योग एवं आध्यात्मिक शोध को बढ़ावा।
4. विशेष तथ्य
- सबसे बड़ा अखाड़ा: जूना अखाड़ा (इसके लाखों साधु हैं)।
- सबसे प्राचीन: महानिर्वाणी अखाड़ा (आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित)।
- नागा साधुओं की दीक्षा: केवल कुंभ मेले में ही नागा साधु बनने की दीक्षा दी जाती है।
निष्कर्ष
सनातन धर्म के ये 13 अखाड़े हिंदू संस्कृति के प्रहरी हैं। ये न केवल आध्यात्मिक ज्ञान के केंद्र हैं, बल्कि राष्ट्र, धर्म एवं समाज की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं। इनके नेतृत्व में सनातन धर्म की ज्योति सदैव प्रज्वलित रहती है।
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