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भारत में सनातन बोर्ड के गठन की समयरेखा ?

परिचय

सनातन धर्म मान्यता बोर्ड भारत का पहला ऐसा प्रस्तावित बोर्ड है जो सनातन धर्म से संबंधित स्थलों, पूजा सामग्री, धार्मिक उत्पादों, आचार्यों, पंडितों, वैष्णव होटलों, धर्मशालाओं, और सनातन स्कूलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार मान्यता (Accreditation) देने के लिए स्थापित किया जा रहा है।

यह बोर्ड सनातन धर्म की रक्षा, संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए एक संगठित और वैधानिक संस्था के रूप में प्रस्तावित किया गया है। विभिन्न अखाड़ों के संतों, धर्माचार्यों और विद्वानों ने इस बोर्ड की आवश्यकता पर बल दिया है ताकि मंदिरों, धार्मिक परंपराओं और हिंदू समुदाय के आध्यात्मिक हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।


घटनाक्रम की समयरेखा (Timeline of Events)

दिसंबर 2024 – सनातन बोर्ड की प्रारंभिक घोषणा

  • विभिन्न अखाड़ों के प्रमुख संतों ने ‘सनातन धर्म मान्यता बोर्ड’ के गठन की मांग की।
  • एक मसौदा प्रस्ताव तैयार किया गया जिसे जनवरी 2025 में महाकुंभ के दौरान आयोजित धर्म संसद में प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया।
  • बोर्ड के मुख्य उद्देश्य:
    • मठों और मंदिरों को सरकारी हस्तक्षेप से मुक्त करना।
    • टूटे हुए या अतिक्रमित मंदिरों को पुनः प्राप्त करना।
    • सनातन धर्म अनुयायियों के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा करना।
    • धार्मिक मामलों में हिंदू समुदाय की आवाज को सशक्त बनाना।

27 जनवरी 2025 – प्रयागराज महाकुंभ में औपचारिक चर्चा

  • धर्म सभा का आयोजन किया गया जिसमें सनातन बोर्ड की आवश्यकता पर गहन चर्चा हुई।
  • देवकीनंदन ठाकुर ने विशेष रूप से एक संगठन की आवश्यकता पर बल दिया जो सनातन धर्म के हितों की रक्षा करे।
  • उठाए गए मुख्य मुद्दे:
    • मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण को समाप्त करना।
    • गौ रक्षा और पारंपरिक हिंदू संस्थानों की सुरक्षा।
    • राष्ट्रीय स्तर पर हिंदू धर्म के लिए एकीकृत प्रतिनिधित्व की आवश्यकता।
  • सभी प्रमुख अखाड़ों, शंकराचार्यों और अन्य संत-विद्वानों ने भाग लिया।

फरवरी 2025 – सनातन हिंदू बोर्ड 2025 के गठन का संकल्प

  • सभी शंकराचार्यों और धर्माचार्यों ने सनातन हिंदू बोर्ड 2025 के गठन का समर्थन करते हुए संकल्प पारित किया।
  • प्रमुख प्रस्ताव:
    • Places of Worship Act को निरस्त करना, जो काशी, मथुरा, सम्भल जैसे ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों की पुनः प्राप्ति में बाधा बनता है।
    • एक वैधानिक और स्वतंत्र संस्था की स्थापना जो मंदिरों और धार्मिक मामलों का संचालन सरकार से स्वतंत्र रूप से करे।
    • पूरे देश में विद्वानों और स्वयंसेवकों का नेटवर्क बनाकर सनातन धर्म के प्रचार और संरक्षण के लिए अभियान चलाना।

मार्च 2025 – चल रही चर्चाएं और जनसमर्थन

  • बोर्ड अब तक कानूनी रूप से पंजीकृत नहीं हुआ है, लेकिन विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक संगठनों में बातचीत जारी है।
  • भारत भर में हिंदू समुदाय ने इस पहल का समर्थन किया है और जागरूकता अभियान भी शुरू किए गए हैं।
  • सरकार की ओर से अब तक इस पर कोई ठोस रुख नहीं लिया गया है, लेकिन सत्तारूढ़ दल के कुछ नेताओं ने इस विषय पर संवाद की इच्छा जताई है।

निष्कर्ष (Conclusion)

सनातन धर्म मान्यता बोर्ड का गठन हिंदू समुदाय के लिए एक संरचित संस्था के रूप में धार्मिक और सांस्कृतिक मामलों के संचालन हेतु एक बड़ा कदम हो सकता है। यद्यपि यह अभी प्रारंभिक चरण में है, फिर भी इसे संत समाज और श्रद्धालुओं से व्यापक समर्थन मिल रहा है। यदि इसे कानूनी रूप से स्थापित किया जाता है, तो यह संस्था मंदिर प्रबंधन, धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए एक प्रभावशाली मंच बन सकती है।

सनातन धर्म प्रत्यायन बोर्ड (SDAB)

ISO/IEC प्राधिकरण और प्रत्यायन का अवलोकन

ISO/IEC 15189: क्लीनिकल और अनुसंधान प्रयोगशालाओं के लिए प्राधिकरण

यह मानक क्लीनिकल और क्लीनिकल अनुसंधान प्रयोगशालाओं में गुणवत्ता और दक्षता के लिए आवश्यकताओं को निर्धारित करता है, ताकि किए गए परीक्षणों की सटीकता, विश्वसनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके — जो रोगी कल्याण और वैज्ञानिक सत्यता के लिए आवश्यक है।

ISO/IEC 17020: तृतीय-पक्ष निरीक्षण (TPI) निकायों के लिए प्राधिकरण

यह मानक उन संगठनों पर लागू होता है जो स्वतंत्र निरीक्षण सेवाएं प्रदान करते हैं, जैसे सामग्री विश्लेषण, शिपमेंट निरीक्षण, उत्पाद मूल्यांकन, NDT, रेडियोलॉजी आदि। यह निष्पक्षता, तकनीकी दक्षता और परिणामों की स्थिरता सुनिश्चित करता है।

ISO/IEC 17021: तृतीय-पक्ष ऑडिटिंग (TPA) और प्रमाणन निकायों के लिए प्राधिकरण

यह मानक उन निकायों पर लागू होता है जो विभिन्न प्रबंधन प्रणालियों के लिए प्रमाणन सेवाएं प्रदान करते हैं, जैसे:
ISO 9001, ISO 14001, ISO 18001, ISO 20001, ISO 22001, ISO 27001, ISO 28001, ISO 29001, ISO 31001, ISO 39001, ISO 45001, ISO 50001, ISO 55001, ISO 3834, AS9011, ISO 6081, TL9000, SQF, 5S, TQM, Six Sigma इत्यादि।

ISO/IEC 17024: स्वतंत्र प्रशिक्षण एवं प्रमाणन संस्थानों के लिए प्राधिकरण

यह मानक उन संस्थानों पर लागू होता है जो व्यावसायिक प्रमाणन प्रदान करते हैं तथा विभिन्न क्षेत्रों में पेशेवरों की दक्षता का मूल्यांकन करते हैं, ताकि प्रशिक्षण कार्यक्रमों और परीक्षाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

ISO/IEC 17025: परीक्षण एवं अंशांकन प्रयोगशालाओं के लिए प्राधिकरण

यह मानक उन प्रयोगशालाओं के लिए है जो विभिन्न क्षेत्रों में परीक्षण और अंशांकन सेवाएं प्रदान करती हैं, जैसे धातुकर्म (Metallurgy), विद्युत-तकनीकी उपकरण अंशांकन, यांत्रिक अंशांकन आदि, ताकि परिणामों की सटीकता और विश्वसनीयता बनी रहे।


प्रमाणन और प्रत्यायन की समझ

हालांकि प्रमाणन एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक संपत्ति है, परंतु इसके बारे में यह गलतफहमी अक्सर होती है कि यह स्वतंत्र या अनिवार्य है, या यह कि सभी प्रमाणन निकायों को IAF-AB (www.iaf-ab.org) द्वारा प्रत्यायित होना चाहिए

यूके डिपार्टमेंट फॉर बिजनेस, इनोवेशन एंड स्किल्स (BIS) ने स्पष्ट रूप से कहा है:

“प्रमाणन नियंत्रित और गैर-नियंत्रित दोनों क्षेत्रों में लागू होता है, परंतु यह स्वैच्छिक रहना चाहिए, जब तक कि किसी विशिष्ट कानून द्वारा अनिवार्य न किया गया हो।”


सनातन धर्म प्रत्यायन बोर्ड (SDAB) के बारे में

सनातन धर्म प्रत्यायन बोर्ड (Sanatan Dharma Accreditation Board – SDAB) की स्थापना वर्ष 2017 में एक स्वतंत्र वैश्विक प्रत्यायन निकाय के रूप में की गई थी।
SDAB को सरकारी, अंतरराष्ट्रीय, निजी संस्थानों और व्यक्तियों द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह उन संगठनों का मूल्यांकन करता है जो निम्न क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करते हैं:

  • धार्मिक मंदिरों, धर्मशालाओं, धार्मिक शिक्षण संस्थानों, मठों और तीर्थस्थलों का प्रत्यायन
  • धार्मिक यात्राओं जैसे धाम यात्रा, कुंभ मेला प्रबंधन, कांवड़ यात्रा निरीक्षण आदि
  • सनातन धार्मिक उत्पादों की शुद्धता और गुणवत्ता परीक्षण
  • भोजन, प्रसाद, और शुद्ध शाकाहारी दुकानों/रेस्तरां की जांच
  • रेटिंग, प्रशिक्षण, औद्योगिक संगठन और प्रमाणन सेवाएं — जो अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित हैं।

संरचना और वित्तीय व्यवस्था

SDAB एक गैर-लाभकारी, निजी रूप से संचालित संगठन है, जो पूर्ण स्वतंत्रता बनाए रखते हुए कार्य करता है।
यह पूरी तरह से अपनी सेवाओं से प्राप्त आय पर निर्भर है और किसी भी सरकारी या बाहरी वित्तीय सहायता से मुक्त है।
SDAB की कुल आय का 90% से अधिक भाग प्रत्यायन और मूल्यांकन सेवाओं से आता है, शेष आय प्रशिक्षण और संबंधित कार्यक्रमों से प्राप्त होती है।


उद्देश्य और मान्यता

SDAB का उद्देश्य है –
वैश्विक स्तर पर गुणवत्ता, पवित्रता, और मानकीकरण के सिद्धांतों को अपनाना तथा सनातन परंपराओं में पारदर्शिता, विश्वसनीयता और उत्कृष्टता को बढ़ावा देना।
यह संगठन नवाचार, प्रामाणिकता और पेशेवर मानकों के लिए उद्योगों में एक मानक निर्धारक (Standard Setter) के रूप में मान्यता प्राप्त है।

हमारी वेबसाइट पर जोड़ें: www.sanatanboards.in / www.sanatanboards.com
ईमेल: info@santanboards.in
फ़ोन: +91-7979801035

"सनातन धर्म – न आदि, न अंत, केवल सत्य और अनंत!"

  1. 🚩 “सनातन धर्म है शाश्वत, सत्य का उजियारा,
    अधर्म मिटे, जग में फैले ज्ञान का पसारा।
    धर्म, कर्म, भक्ति, ज्ञान का अद्भुत संगम,
    मोक्ष का मार्ग दिखाए, यही है इसका धरम!” 🙏

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