2021
हिंदू आध्यात्मिक नेता देवकीनंदन ठाकुर द्वारा वकालत करते हुए 2021 में एक सनातन बोर्ड बनाने की अवधारणा प्रस्तावित की गई थी, जिसमें मंदिर की भूमि के प्रबंधन और सुरक्षा के लिए एक निकाय की कल्पना की गई थी।
सनातन धर्म बोर्ड एक आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक संगठन है, जिसका उद्देश्य हिंदू धर्म की प्राचीन परंपराओं, मूल्यों और सिद्धांतों को संरक्षित, प्रचारित और प्रसारित करना है। यह बोर्ड सनातन धर्म के धार्मिक ग्रंथों, वेदों, उपनिषदों, पुराणों और अन्य हिंदू धर्मशास्त्रों के अध्ययन, अनुसंधान और शिक्षण को बढ़ावा देता है।
सनातन धर्म क्या है? परिचय:सनातन धर्म केवल एक धर्म नहीं, बल्कि एक जीवन पद्धति है। “सनातन” का अर्थ है “शाश्वत”…
दिल्ली में धर्म संसद का बीते दिनों आयोजित किया गया था। इस धर्म संसद को लेकर सोशल मीडिया साइट पर दावा किया जा रहा है कि सनातन बोर्ड को बनाने की मंजूरी मिल गई है। इस दावे की जब हमने जांच की तो हमने पाया कि यह दावा पूरी तरह से फर्जी है।
सनातन धर्म की रक्षा को लेकर बात करने वाले देवकीनंदन ठाकुर इस समय सनातन बोर्ड के गठन किए जाने की मांग को लेकर चर्चा में हैं. अब उन्होंने इस पर बात की और बताया कि सनातन बोर्ड क्या है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि ये क्यों होना चाहिए और इसकी जरूरत क्यों है?
धर्म संसद में सनातन बोर्ड के गठन की मांग की गई थी, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से सनातन बोर्ड के गठन को लेकर कोई मंजूरी नहीं दी गई है।
सनातन धर्म बोर्ड में सदस्यता लेकर आप धर्म, संस्कृति, और समाज सेवा से जुड़े हमारे महत्वपूर्ण कार्यों में भागीदार बन सकते हैं। यदि आप सनातन धर्म की परंपराओं, मूल्यों और शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार में योगदान देना चाहते हैं, तो हम आपका स्वागत करते हैं।
सनातन धर्म बोर्ड की ई-लाइब्रेरी एक डिजिटल मंच है, जहां सनातन धर्म से संबंधित ग्रंथ, शास्त्र, वेद, उपनिषद, पुराण, भगवद गीता, महाभारत, रामायण और अन्य धार्मिक ग्रंथों को ऑनलाइन पढ़ा और अध्ययन किया जा सकता है।
सनातन धर्म में तीर्थयात्रा (यात्रा का पवित्र स्वरूप) का विशेष महत्व है। यह केवल भौतिक यात्रा नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग भी है। सनातन धर्म के अनुसार, तीर्थ यात्रा व्यक्ति को आध्यात्मिक बल प्रदान करती है और उसे धर्म, कर्म और सत्य के मार्ग पर अग्रसर करती है।
विद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने वाली अधिकांश छात्राएँ हिंदू धर्म से होती हैं, जबकि छात्र विभिन्न धर्मों के होते हैं।
व्यावसायिक क्षेत्रों और बॉलीवुड इंडस्ट्री में काम करने वाली महिलाएँ मुख्य रूप से हिंदू धर्म से होती हैं, जबकि इनमें कार्यरत पुरुष सभी धर्मों से आते हैं।
सरकारी अस्पतालों में दो से अधिक बच्चों के जन्म पर भी मुफ्त सुविधाएँ मिलना, बिना शिक्षा के बच्चों को आसानी से काम मिल जाना
परिवार की जनसंख्या के आधार पर मुफ्त राशन जैसी योजनाएँ जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारणों में शामिल हैं।
सनातनी समाज जाति के अलावा राज्य, भाषा, खान-पान, वेशभूषा और आर्थिक स्थिति के आधार पर भी विभाजित है। यह विविधता जहाँ सांस्कृतिक पहचान को दर्शाती है, वहीं समाज में दूरियाँ भी पैदा करती है।
राजनीति में वोट बैंक के लिए जातिगत विभाजन को बढ़ावा दिया जाता है, जिससे सामाजिक एकता कमजोर होती है। इस विभाजन को खत्म करने के लिए शिक्षा, जागरूकता और समान अवसरों को बढ़ावा देना जरूरी है
बढ़ती जनसंख्या, कौशल की कमी और सीमित नौकरियों के कारण बेरोजगारी बढ़ रही है, जिससे गरीबी और अपराध बढ़ते हैं। समाधान के लिए कौशल विकास, स्टार्टअप्स और सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देना जरूरी है।
2021
हिंदू आध्यात्मिक नेता देवकीनंदन ठाकुर द्वारा वकालत करते हुए 2021 में एक सनातन बोर्ड बनाने की अवधारणा प्रस्तावित की गई थी, जिसमें मंदिर की भूमि के प्रबंधन और सुरक्षा के लिए एक निकाय की कल्पना की गई थी।
जुलाई 2023
जुलाई 2023 में, सदस्यों ने जम्मू में वार्षिक श्री सनातन धर्म सभा जम्मू और कश्मीर की बैठक में एक सनातन बोर्ड बनाने की वकालत की।
2025 महाकुंभ मेला प्रयागराग
सनातन धर्म संसद महाकुंभ मेला प्रयागराज में 27 जनवरी 2025 को स्वच्छता हिंदू बोर्ड एक्ट पास.
सनातन हिंदू बोर्ड अक्टूबर 2025 सनातन धर्म संसद, महाकुंभ प्रयागराज के दौरान प्रस्तावित
1 व्यक्ति
2 उत्पाद संगठन
3 संगठन
4 परियोजना
1 व्यक्ति
2 उत्पाद संगठन
3 संगठन
4 परियोजना
© 2025 Created with sanatanboards.in